October 7, 2025

एसआईआर पर राजनीतिक विवाद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा कटाक्ष

नई दिल्ली,नेशनल डेस्क। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चल रहे राजनीतिक विवाद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्षी दल बहाने ढूंढ रहे हैं क्योंकि उन्होंने आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में अपनी हार स्वीकार कर ली है।

एसआईआर को लेकर हुंकार भरते हुए शाह ने कहा कि लालू प्रसाद यादव किसे बचाना चाहते हैं? क्या आप उन बांग्लादेशियों को बचाना चाहते हैं जो बाहर से आकर बिहार के लोगों की नौकरियाँ छीन लेते हैं?यह बयान एक एक्स पोस्ट में सामने आया, जिसमें शाह ने अवैध घुसपैठियों को भारत की चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेने का अधिकार न होने की बात कही।

शाह ने साफ तौर पर कहा कि राहुल गांधी को ये वोट बैंक की राजनीति बंद करनी चाहिए और एसआईआर, ये पहली बार नहीं हो रहा है। इसकी शुरुआत जवाहरलाल नेहरू ने की थी और 2003 में भी यही हुआ था… बिहार चुनाव हारने के बाद ये बहाने ढूँढ रहे हैं।

शाह ने वहां मौजूद लोगों से पूछा कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने चाहिए या नहीं? भारत का संविधान उन लोगों को वोट देने का अधिकार नहीं देता जो भारत में पैदा नहीं हुए। राहुल गांधी संविधान लेकर घूम रहे हैं, उन्हें भी इसे खोलकर पढ़ना चाहिए। एसआईआर, ये इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि घुसपैठिए इनका वोट बैंक हैं।

अमित शाह ने कहा कि बिहार में बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी।

‘Those who are not born in India, do not have the right to vote’-Amit Shah

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मैं तेजस्वी यादव से पूछना चाहता हूँ, उनके पिता और माता लंबे समय तक सत्ता में रहे। गुंडागर्दी, गैंग चलाने, अपहरण करने, फिरौती मांगने के अलावा आपने मिथिलांचल के विकास के लिए क्या किया है?

शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और लालू संसद में ऑपरेशन सिंदूर का विरोध कर रहे हैं…लालू एंड कंपनी को पता नहीं है कि ये नरेंद्र मोदी की सरकार है, एनडीए की सरकार है। देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का किसी को हक नहीं है।

उन्होंने कहा कि मोदी जी ने वैश्विक मंच पर मिथिला की कला को हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया।

उन्होंने अर्जेंटीना की उपराष्ट्रपति को मधुबनी पेंटिंग भेंट की और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को भी मिथिलांचल की कला का नमूना देकर विदेश में मिथिला की कला का गौरव बढ़ाया है। माँ जानकी की जन्मस्थली पर जो यह भव्य मंदिर बनने जा रहा है, यह केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि मिथिलांचल के भाग्योदय की शुरुआत है।

उन्होंने कहा कि मिथिला, वाल्मीकि रामायण से लेकर महाभारत और बौद्ध व जैन साहित्य तक – हमारी संस्कृति का केंद्र रहा है। धर्मशास्त्र, साहित्य, संगीत, भाषा और तंत्रज्ञान का यह एक बहुत बड़ा केंद्र रहा है।

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