
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। दिग्गज रूसी कंपनी रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी ने सोमवार को अपनी रिफाइनरी से जुड़ी डाउनस्ट्रीम परियोजनाओं में 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की अपनी योजना की पुष्टि की।
इसके साथ ही कंपनी ने यूरोपीय संघ की तरफ से खुद पर लगाए गए नवीनतम प्रतिबंधों को अन्यायपूर्ण और भारत के हितों के लिहाज से नुकसानदेह बताया।
यह निवेश पेट्रोरसायन, एथनॉल संयंत्रों, विपणन अवसंरचना के विस्तार और ईएसजी परियोजनाओं में किया जाएगा। नायरा एनर्जी ने यूरोपीय संघ के नवीनतम प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना की है, जिसमें उन्हें रूसी कच्चे तेल से जुड़ी संस्थाओं पर शिकंजा कसने के लिए शामिल किया गया है।
नायरा एनर्जी का निवेश:
- 70हजार करोड़ रुपये का निवेश: नायरा एनर्जी ने भारत में पेट्रोरसायन, एथनॉल संयंत्रों, विपणन अवसंरचना के विस्तार और ईएसजी परियोजनाओं में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया है।
- ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता: यह निवेश भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
- रोजगार के अवसर: नायरा एनर्जी ने पूरे देश में 55,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर्मचारियों को रोजगार देने का दावा किया है।
यूरोपीय संघ के प्रतिबंध:
- रूसी कच्चे तेल से जुड़ी संस्थाओं पर प्रतिबंध: यूरोपीय संघ ने रूसी कच्चे तेल से जुड़ी संस्थाओं पर 18वें दौर के प्रतिबंधों में नायरा एनर्जी को भी शामिल किया है।
- भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और आर्थिक संप्रभुता के लिए खतरा: यह निर्णय भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और आर्थिक संप्रभुता के लिए खतरा है।
- नायरा एनर्जी की आलोचना: नायरा एनर्जी ने यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना का किया है और कहा है कि यह कदम न केवल भारत के हितों को कमजोर करता है, बल्कि लाखों भारतीय नागरिकों और उद्योगों के लिए आवश्यक पेट्रोलियम उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति को बाधित करने का जोखिम भी पैदा करता है।