October 7, 2025

नई दिल्ली। भारत और फिलीपींस ने व्यापार और सैन्य सहयोग की दिशा में आगे बढ़कर रणनीतिक साझेदारी के रास्ते पर चलने का फैसला लिया है। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्नेंड मार्कोस जूनियर और पीएम मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में दोनों नेताओं ने मिलकर रणनीतिक साझेदारी की घोषणा ऐसे मौके पर की जबकि एक दिन पहले ही दोनों देशों की नौसेनाओं ने फिलीपींस के तट पर संयुक्त अभ्यास किया है। जाहिर है चीन को फिलीपींस और भारत की ये सैन्य करीबी ज्यादा रास नहीं आई और उसने अपनी असहजता जाहिर भी की थी।

हैदराबाद हाउस में दोनों देशों के नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और फिलीपींस अपनी पसंद से मित्र, जबकि नियति से साझेदार हैं। दोनों देश हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक साझा मूल्यों से जुड़े हैं। ये महज अतीत की दोस्ती नहीं बल्कि आने वाले कल के लिए एक वादा भी है।

दोनों देशों के बीच हुए 14 करार
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि द्विपक्षीय व्यापार ने तीन बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार किया है। ऐसे में ये हमारी प्राथमिकता है कि हम इंडियन आसियान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का रिव्यू जल्द से जल्द पूरा करें। इसके साथ ही हमने द्विपक्षीय प्रीफ्रेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट की दिशा में भी काम करने का फैसला किया। दोनों देशों के बीच करीब 14 करारों और सहमतियों को लेकर मुहर लगी है। विदेश मंत्रालय में सचिव ( ईस्ट) पी कुमारन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों देशों के बीच सहयोग को लेकर हुए फैसलों की विस्तार से जानकारी हुई।

सेना में सहयोग को लेकर आगे बढ़े दोनों देश
साझा प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने भी दोनों देशों के हाल ही संयुक्त नौसेना अभ्यास का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अभी जब फिलीपींस के राष्ट्रपति भारत में हैं, भारतीय नौसेना के 3 जहाज फिलीपींस में सैन्य एक्सरसाइज कर रहे हैं। इनमें एक हाइड्रोग्राफी जहाज भी शामिल है। तो राष्ट्रपति मार्को जूनियर ने भी कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है। इस सहमति का असर दोनों देशों के बीच अपनाए गए एमओयू और करारों में भी देखने को मिला।

फिलीपींस एयर फोर्स – आर्मी और भारतीय एयफोर्स-आर्मी के बीच टर्म ऑफ रेफरेंस, दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच टर्म ऑफ रेफरेंस, कानूनी मदद को लेकर संधि, सजायाफप्ता लोगों के ट्रांसफर को लेकर समझौता, साईंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग में सहमति के अलावा सांस्कृतिक आदान प्रदान और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी सहमति हासिल हुई है।

चीन की आपत्ति पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
इस संबंध में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब विदेश सचिव से पूछा गया कि फिलिपींस और भारत के साझा अभ्यास को लेकर चीन ने आपत्ति जताई है, तो उन्होंने भारत का रुख दोहराते हुए कहा कि भारत का स्टैंड हमेशा से यही रहा है कि दक्षिण चीन को लेकर भारत वैध वाणिज्यिक गतिविधियों और नेविगेशन की आजादी का समर्थन करता रहा है। भारत मानता है कि जो भी विवाद है वो डायलॉग के साथ साथ डिप्लोमैटिक स्तर पर ही सुलझाया जाना चाहिए। इसमें किसी तरह का डर और धमकी नहीं होनी चाहिए।

कुमारन ने बताया कि दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में डिफेंस कैपिबिलिटी प्रोग्राम और ट्रेनिंग प्रोग्राम तक में सहयोग पर सहमति बनी है। फिलीपींस ने हमारे डिफेंस प्लैटफॉर्म्स में रूचि दिखाई है। राष्ट्रपति ने उनकी सेना के आधुनिकीकरण में भारत के सहयोग की मदद मांगी तो साथ ही पहलगाम हमले की भी कड़ी आलोचना की है।

दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट इस साल के आखिर तक
भारत ने फिलीपींस के नागरिकों को फ्री ई-वीजा देने की घोषणा की है, जबकि फिलीपींस ने भी भारतीय नागरिकों को वीजा फ्री एंट्री देने का फैसला लिया है। वहीं इस साल के आखिर तक दिल्ली और मनीला के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने पर काम चल रहा है, कुमारन ने कहा कि एक अक्टूबर तक ये फैसला जमीन पर उतर सकता है।

दोनों देशों के बीच डेवलपमेंट प्रोजेक्ट साझेदारी में फिलहाल 6 क्विक इंपैक्ट प्रोजेक्ट्स को लेकर काम हो रहा है, लेकिन इसमें विस्तार होगा। भारत फिलीपींस के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सहयोग कर रहा है। राष्ट्रपति मार्कोस ने इन प्रोजेक्ट्स में निवेश की अपील की है। इसके अलावा एग्री प्रॉडक्ट के लिए मार्केट एक्सेस, राइस रिसर्च, हेल्थ केयर, साइबर सेक्योरिटी, योग और पेमेंट सिस्टम को जोड़े जाने पर भी चर्चा हुई।

चीन की बढ़ी टेंशन
मनीला के तट से लेकर दिल्ली की जमीन तक, फिलीपींस के साथ भारत जिस तरह साथ आया है, उस पर चीन की नजरें लगी हुई हैं। ये पहली बार था कि भारत और फिलीपींस ने विवादित दक्षिण चीन सागर में अभ्यास किया। भौगोलिक तौर पर चीन की पड़ोसी फिलीपींस को लेकर असहजता इसलिए है क्योंकि चीन पूरे दक्षिण सागर पर अपना दावा करता है, इसमें वो हिस्से भी शामिल हैं, जिसे लेकर फिलीपींस की ओर से भी दावा किया जाता है। भारत और फिलीपींस के अभ्यास को बिना नाम लिए निशाने पर लेने वाले चीन के लिए दिल्ली में हुए रक्षा सहयोग परेशान करने वाला अपडेट है ।

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