July 31, 2025

डोकलाम का जिक्र कर जयशंकर का राहुल गांधी पर तीखा हमला

नई दिल्ली, नेशनल डेस्क। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने डोकलाम संकट और 26/11 मुंबई हमले को लेकर पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। जयशंकर ने कहा कि जब डोकलाम में भारतीय सेना चीनी सेना से भिड़ रही थी, तब विपक्ष के एक नेता ने सरकार या विदेश मंत्रालय से नहीं, बल्कि चीनी राजदूत से जानकारी लेने का फैसला किया। डोकलाम संकट और विपक्ष की भूमिकाडॉ. जयशंकर ने सदन को याद दिलाया कि डोकलाम संकट के दौरान विपक्ष का रवैया देशहित के खिलाफ था। उन्होंने कहा, “जब हमारी सेना डोकलाम में चीनी सेना का मुकाबला कर रही थी, तब विपक्ष के नेता ने चीनी राज दूत से जानकारी लेने का निर्णय लिया। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कितना उचित था?”

चीन यात्रा और स्टेपल्ड वीजा विवाद

विदेश मंत्री ने अपनी चीन यात्रा का जिक्र करते हुए स्पष्ट किया कि वह न तो ओलंपिक के लिए गए थे और न ही किसी गुप्त समझौते के लिए। उन्होंने कहा, “मैं चीन गया था ताकि तनाव कम करने, व्यापार प्रतिबंधों और आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख स्पष्ट कर सकूं।” जयशंकर ने बताया कि जब लोग ओलंपिक पर नजरें गड़ाए थे, तब चीन ** अरुणाचल प्रदेश** और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए स्टेपल्ड वीजा जारी कर रहा था, जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया।26/11 और शर्म-अल-शेख की गलतीजयशंकर ने 26/11 मुंबई हमले के बाद तत्कालीन सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा, “26/11 के बाद सरकार की प्रतिक्रिया क्या थी? शर्म-अल-शेख में तत्कालीन सरकार ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ यह स्वीकार किया कि आतंकवाद दोनों देशों के लिए खतरा है।” उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “आज वही लोग सवाल उठा रहे हैं कि हमने क्यों रुक गए, क्यों आगे नहीं बढ़े। ये वही लोग हैं जिन्हें 26/11 के बाद निष्क्रियता ही सबसे अच्छी कार्रवाई लगी।”

बलूचिस्तान का जिक्र और विदेशी देशों की भूमिका

विदेश मंत्री ने विपक्ष के उन नेताओं पर निशाना साधा जो भारत को विदेशी देशों के दबाव में जोड़ने की बात करते हैं। उन्होंने कहा, “लोग कह रहे हैं कि अमेरिका आपको जोड़ रहा है, रूस आपको जोड़ रहा है। लेकिन आपको किसी विदेशी देश से यह कहने की जरूरत नहीं कि भारत को पाकिस्तान से जोड़ दो।” उन्होंने शर्म-अल -शेख में बलूचिस्तान का जिक्र स्वीकार करने को सबसे बड़ी गलती बताया।जयशंकर का विपक्ष को जवाबजयशंकर ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “हमसे पूछा जाता है कि हम क्यों रुके? यह सवाल वे लोग पूछ रहे हैं जिन्होंने 26/11 के बाद कोई कार्रवाई नहीं की।” उन्होंने भारत की मौजूदा विदेश नीति को मजबूत और स्वतंत्र बताते हुए कहा कि भारत अब किसी के दबाव में नहीं झुकता।

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