October 7, 2025

नई दिल्ली,नेशनल डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2040 तक का एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है, जिसमें कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शामिल हैं। इसरो की योजना अगले 15 वर्षों में 100 से अधिक सैटेलाइट लॉन्च करने की है, जिसमें सरकारी और निजी क्षेत्र के मिशन शामिल होंगे। इन सैटेलाइट्स का उद्देश्य खाद्य और जल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन क्षमता, पर्यावरणीय स्थिरता और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत अगले 15 वर्षों में 100 से अधिक उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि ये उपग्रह सरकारी प्रौद्योगिकी अभियानों और निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाले परिचालन मिशनों के तहत प्रक्षेपित किए जाएंगे।

सिंह ने दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष्य में यहां आयोजित समारोह के दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए अगले 15 वर्षों के वास्ते एक प्रारूप भी जारी किया। इस समारोह में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) के अध्यक्ष वी नारायणन, आईएनएसपीएसी के अध्यक्ष पवन गोयनका और ‘गगनयान’ मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्री भी मौजूद थे।

इसरो के प्रमुख मिशन:

  • गगनयान मिशन: इसरो अगले साल गगनयान मिशन का पहला अन-क्रू मिशन लॉन्च करेगा, जिसमें मानवीय रोबोट ‘व्योममित्र’ अंतरिक्ष की यात्रा करेगा। इसके बाद दो रोबोटिक गगनयान में ह्यूमनॉइड रोबोट भेजे जाएंगे।
  • चंद्रमा पर मानव मिशन: इसरो 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की योजना बना रहा है। इसके लिए चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 मिशन तैयार किए जा रहे हैं।
  • अंतरिक्ष स्टेशन: इसरो 2035 तक भारत का स्पेस स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है।
  • शुक्रयान मिशन: इसरो शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए शुक्रयान मिशन भेजेगा।
  • जी-20 सैटेलाइट: इसरो पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज के अध्ययन के लिए जी-20 सैटेलाइट लॉन्च करेगा, जिसमें सभी जी-20 सदस्य देशों के पेलोड शामिल होंगे।

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