
लंदन में मोदी ने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधा
लंदन,नेशनल डेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में भारत के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की कोशिश की है। उन्होंने ब्रिटिश उच्चायुक्त जेन मैरियट से मुलाकात के दौरान कहा कि इस्लामाबाद सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए नई दिल्ली के साथ “सार्थक बातचीत” करने को तैयार है। लेकिन भारत की ओर से अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
प्रधानमंत्री मोदी का जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन में अपने ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर के साथ मीडिया को दिए बयान में पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में “दोहरे मानदंडों” के लिए दुनिया में कोई जगह नहीं है।
मोदी ने पहलगाम हमले के दौरान भारत को दिए गए समर्थन के लिए स्टारमर का धन्यवाद किया और कहा कि भारत और यूनाइटेड किंगडम की सुरक्षा एजेंसियां आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण जैसे मामलों में सहयोग और समन्वय बढ़ाएंगी।
आतंकवाद पर भारत का रुख
भारत ने हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी तरह की ढील देने के बजाय सख्त कार्रवाई करने पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में दो टूक कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी तरह के समझौते की गुंजाइश नहीं है।
भारत-ब्रिटेन संबंध
भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध मजबूत हैं और दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक, रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाना है।
अमेरिका से की थी बातचीत शुरू कराने में मदद की गुहार
शहबाज शरीफ ने इससे पहले अमेरिका से भी भारत के साथ बातचीत शुरू कराने में मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की और कहा कि अमेरिका को भारत-पाक संबंधों में शांति बहाली की दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। लेकिन अमेरिका ने आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया हुआ है और उसने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है।
भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं
प्रधानमंत्री मोदी के बयान से यह साफ हो गया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं है। सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सख्त कार्रवाई करने पर जोर दे रही है और दोहरे मानकों के लिए कोई जगह नहीं है। भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध मजबूत हैं और दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं