October 22, 2025

चंडीगढ़। ट्राईसिटी के चर्चित समाजसेवी और फार्मास्यूटिकल उद्यमी एम.के. भाटिया एक बार फिर सुर्खियों में छाए हुए हैं। दिवाली के ठीक पहले उनकी ‘कार गिफ्टिंग’ रील्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जहां वे अपनी टीम के सहयोगियों और ‘सेलेब्रिटी’ कर्मचारियों को चमचमाती लग्जरी कारों के चाबी सौंपते नजर आ रहे हैं। यह लगातार तीसरा साल है जब भाटिया ने अपनी कंपनी के टॉप परफॉर्मर्स को ऐसी भारी भरकम तोहफे दिए हैं।

51 ब्रांड न्यू कारें उपहार में दीं
इस बार उन्होंने कुल 51 ब्रांड न्यू कारें उपहार में दीं, जिन्हें रैंक और परफॉर्मेंस के आधार पर वितरित किया गया। भाटिया ने इसे अपनी ‘हाफ सेंचुरी’ का जश्न बताया, जो न सिर्फ कर्मचारियों के लिए खुशी का पल है, बल्कि कॉर्पोरेट कल्चर में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक भी बन गया है।

मिट्स हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन हैं भाटिया
एम.के. भाटिया, जो पंचकूला स्थित मिट्स हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और चेयरमैन हैं, ने इस अनोखी पहल को ‘टीम स्पिरिट’ को मजबूत करने का माध्यम बताया।

उन्होंने कहा, “मेरे सहयोगी मेरी कंपनियों की रीढ़ हैं। उनकी मेहनत, ईमानदारी और समर्पण ही हमारी सफलता का आधार है। इन्हें मान्यता देना और प्रेरित रखना मेरा एकमात्र उद्देश्य है—ताकि वे और ऊंचाइयों को छू सकें।” भाटिया ने स्पष्ट किया कि यह शो-ऑफ नहीं, बल्कि संगठन में फैमिली जैसा बंधन बनाने का प्रयास है। “जब मालिक कुछ खास करता है, तो कर्मचारी सराहा जाता महसूस करते हैं और बदले में और बेहतर देते हैं,” उन्होंने जोड़ा।

इस साल की गिफ्टिंग सेरेमनी बेहद शानदार रही। पंचकूला के एक प्रमुख शोरूम में आयोजित कार्यक्रम में भाटिया ने खुद कर्मचारियों को कारों की चाबियां सौंपीं। उसके बाद एक खास ‘कार गिफ्ट रैली’ का आयोजन किया गया, जिसमें सभी 51 गाड़ियां काफिले के रूप में शोरूम से मिट्स हाउस (भाटिया के ऑफिस हेडक्वार्टर) तक पहुंचीं। सोशल मीडिया पर ये वीडियो और फोटोज तेजी से वायरल हो गए हैं, जहां लोग भाटिया की उदारता की तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “बॉस ऐसा हो तो क्या बात! दिवाली की असली रोशनी यही है।” एक अन्य ने कहा, “कॉर्पोरेट वर्ल्ड में दुर्लभ उदाहरण।”भाटिया की यात्रा: संघर्ष से सफलता तकएम.के. भाटिया का सफर प्रेरणादायक है।

मुजफ्फरनगर के रहने वाले है भाटिया

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले भाटिया एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जहां फार्मास्यूटिकल वर्कर्स की जिंदगी की कठिनाइयों को उन्होंने करीब से देखा। 2015 में वे पंचकूला आकर मिट्स हेल्थकेयर की नींव रखीं। शुरू में सिर्फ चार स्टाफ के साथ शुरुआत करने वाली कंपनी आज 100 से ज्यादा वर्कस्टेशन और 12 सहयोगी कंपनियों का नेटवर्क चला रही है।

फार्मास्यूटिकल्स के अलावा कंपनी अब कॉस्मेटिक्स और ग्रॉसरी सेक्टर में भी विस्तार कर रही है। भाटिया की कंपनी तीन ऑफिसों से संचालित होती है, जो पंचकूला के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में स्थित हैं।भाटिया ने बताया कि कार गिफ्टिंग का आइडिया उनकी अपनी जिंदगी से प्रेरित है। सफलता मिलने के बाद उन्होंने अपनी पहली कार खरीदी थी, क्योंकि उन्हें लगा कि इससे लोग उन्हें ज्यादा गंभीरता से लेंगे।

“मैं जानता हूं कि जिंदगी में कई जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं, जहां कार खरीदना आखिरी प्राथमिकता बन जाता है। मैंने वैसा ही संघर्ष देखा है, इसलिए अपने कर्मचारियों को यह आत्मविश्वास देना चाहता हूं।” कुछ युवा कर्मचारी तो कार मिलने के बाद ड्राइविंग सीखने लगे, और उनकी लाइफस्टाइल में सकारात्मक बदलाव आया।साल दर साल बढ़ता उत्साहयह भाटिया की तीसरी लगातार कार गिफ्टिंग पहल है:2023: 12 टाटा पंच कारें दी गईं। भाटिया ने कर्मचारियों को ‘कंपनी के स्टार्स और सेलेब्रिटीज’ कहा था। 2024: संख्या बढ़कर 15 हो गई—13 टाटा पंच और 2 मारुति ग्रैंड विटारा। सभी रिसीपिएंट्स को चार महीने पहले डायरेक्टर पदोन्नति मिल चुकी थी। भाटिया ने लक्ष्य रखा था कि अगले साल 50 कारें देंगे।
2025: लक्ष्य पार करते हुए 51 कारें! विभिन्न मॉडल्स में लग्जरी वाहन शामिल हैं, जो परफॉर्मेंस रैंकिंग पर आधारित हैं। भाटिया ने इसे ‘हाफ सेंचुरी’ का मील का पत्थर बताया।

कंपनी का अनोखा हायरिंग मॉडल भी चर्चा में है—वे मुख्य रूप से फ्रेश ग्रेजुएट्स को हायर करते हैं, उन्हें ट्रेनिंग देते हैं और परफॉर्मेंस के आधार पर प्रमोट करते हैं। इस साल के सभी रिसीपिएंट्स हाल ही में डायरेक्टर्स बने थे। एक कर्मचारी शिल्पा, जो कंपनी की सबसे पुरानी मेंबर हैं, ने कहा, “हम एक अच्छा गिफ्ट तो उम्मीद कर रहे थे, लेकिन यह कल्पना से परे है।सर के लिए धन्यवाद!

“सोशल मीडिया पर धूम, प्रेरणा का संदेशसोशल मीडिया पर #MKBhatiaGifting, #DiwaliCarGift जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। X (पूर्व ट्विटर) पर यूजर्स भाटिया की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसे कॉर्पोरेट गिफ्टिंग का नया ट्रेंड बता रहे हैं—ट्रॉली से लेकर सिल्वर बार्स, अब कारें! मराठी, तेलुगु और कन्नड़ मीडिया में भी खबर छाई हुई है।

भाटिया का संदेश साफ है: “खुशियां तब बढ़ती हैं जब उन्हें बांटा जाए।”भाटिया की यह पहल न सिर्फ कर्मचारियों को प्रेरित कर रही है, बल्कि पूरे समाज को सकारात्मक ऊर्जा दे रही है। आने वाले वर्षों में वे और बड़े लक्ष्य रखने की बात कर रहे हैं। दिवाली की इस चमक में भाटिया का योगदान अविस्मरणीय बन गया है।

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