October 7, 2025

पटना,स्टेट ब्यूरो। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर हाल के ओपिनियन पोल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को स्पष्ट बढ़त मिलने का अनुमान जताया गया है।
टाइम्स नाउ-JVC और इंकइनसाइट जैसे प्रमुख सर्वेक्षणों ने संकेत दिए हैं कि NDA, जिसमें भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) मुख्य घटक हैं, लेकिन जन सुराज पार्टी का भी दो अंक तक पहुंच सकती है। कुल 243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए बहुमत हासिल कर सकता है।

टाइम्स नाउ-JVC सर्वे :
एनडीए को बहुमत
टाइम्स नाउ-JVC के हालिया ओपिनियन पोल के अनुसार, NDA को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में 130-140 सीटें मिलने का अनुमान है। इस सर्वे में BJP को 64 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है, जो 2020 के चुनाव में मिली 74 सीटों से कम है।जबकि JD(U) को 29 सीटें मिलने का अनुमान है, जो 2020 में मिली 43 सीटों से भी कम है। इसके बावजूद, NDA का गठबंधन बहुमत के आंकड़े (122 सीटें) को पार करने की स्थिति में दिख रहा है।

महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-वाम दल) को 90-100 सीटें मिलने का अनुमान है, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल को 50-60 सीटें और कांग्रेस को 10-15 सीटें मिल सकती हैं। 2020 में RJD ने 75 और कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं। सर्वे में यह भी संकेत दिया गया कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ‘डार्क हॉर्स’ बन सकती है, जिसे 10-20 सीटें मिलने की संभावना है।

इंकइनसाइट पोल :
तेजस्वी लोकप्रिय, लेकिन NDA आगे
इंकइनसाइट के सर्वे में भी NDA को बहुमत मिलने की बात कही गई है। इस सर्वे की खास बात यह रही कि RJD नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार बताया गया, लेकिन गठबंधन के रूप में NDA को ज्यादा समर्थन मिला। सर्वे में BJP की रणनीति और नीतीश कुमार की विश्वसनीयता को NDA की बढ़त का प्रमुख कारण बताया गया।

प्रमुख मुद्दे और मतदाता रुझान :
सर्वेक्षणों में बेरोजगारी, पलायन, शिक्षा, और बुनियादी ढांचे को मतदाताओं के बीच प्रमुख मुद्दों के रूप में उजागर किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में JD(U) और BJP का मजबूत आधार दिखा, जबकि शहरी क्षेत्रों में BJP का प्रभाव बढ़ा है। कुम्हरार और दीघा जैसी सीटों पर BJP का गढ़ मजबूत माना जा रहा है।
महागठबंधन को EBC (अति पिछड़ा वर्ग) और मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन मिलने की उम्मीद है, लेकिन गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर तनाव NDA के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
कांग्रेस ने 50 से कम सीटें मिलने पर अकेले चुनाव लड़ने की धमकी दी है, जिससे महागठबंधन की एकता पर सवाल उठ रहे हैं।
जन सुराज का उभरता प्रभाव :
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को ओपिनियन पोल में ‘सर्वप्रथम सरप्राइज’ के रूप में देखा जा रहा है। इस पार्टी ने जाति-तटस्थ रणनीति अपनाई है और युवा मतदाताओं को आकर्षित करने पर जोर दिया है। सर्वे में अनुमान लगाया गया कि जन सुराज कुछ सीटों पर NDA और महागठबंधन के वोट शेयर को प्रभावित कर सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां जातिगत समीकरण कम प्रभावी हैं।

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