
बीकानेर। बीकानेर जिले के कालासर गांव गुरुवार को कबीर के रंग में रंग गया, जब राजस्थान कबीर यात्रा के दूसरे दिन की प्रस्तुतियों ने ग्रामीणों को भक्ति और सूफी संगीत के रस में सराबोर कर दिया। “मोको कहां ढूंढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास में…” जैसे कबीर के दोहों और सूफी स्वरों ने माहौल को आध्यात्मिक बना दिया।
◼100 से अधिक कलाकार अपनी कला का जादू बिखेरा
मलंग फोक फाउंडेशन, लोकायन संस्थान, जिला प्रशासन बीकानेर, बीकानेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम के सहयोग से आयोजित इस यात्रा में 100 से अधिक कलाकार अपनी कला का जादू बिखेर रहे हैं। देश-विदेश से आए कबीर प्रेमी भी इस अनूठे आयोजन का हिस्सा बने।सूफी और भक्ति का अनूठा संगम
कार्यक्रम में पूगल के मीर रजाक और अब्दुल जब्बार ने कबीर वाणी को सूफी अंदाज में पेश कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुति “साचा साहेब एक तू…” ने माहौल में भक्ति का रंग घोल दिया। केरल के ग्रुप ‘महफिल ए समा’ ने “दमादम मस्त कलंदर” गाकर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। बैंगलुरु के वासु दीक्षित ने “थारा रंग महल में अजब शहर में” और “वारी जाऊं” जैसे भजनों को अपने अनोखे अंदाज में गाकर ग्रामीणों और मेहमानों को कबीर की भक्ति सरिता में डुबो दिया।
◼ गणमान्य लोगों की मौजूदगी
इस अवसर पर कालासर बीडीओ साजिया तब्बसुम, सरपंच राम लक्ष्मण गोदारा, पूर्व सरपंच लक्ष्मण सिंह भाटी, भैरा राम डोगीवाल, लेखाधिकारी राजू राम, बीडीओ अशोक कुमार, राकेश डोगीवाल और रेखाराम मेघवाल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
◼ छत्तरगढ़ में आज होगा अगला पड़ाव
यात्रा के निदेशक गोपाल सिंह ने बताया कि 3 अक्टूबर 2025 को बीकानेर जिले की छत्तरगढ़ में कबीर यात्रा का अगला आयोजन होगा। इसमें देश के साथ-साथ जापान और अन्य देशों के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इस बार यात्रा में 100 से अधिक कलाकार शामिल हैं, जो कबीर की वाणी को जन-जन तक पहुंचाने का संदेश दे रहे हैं।