
कोलकाता,स्टेट डेस्क। पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर कूचबिहार में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उस समय हमला किया जब वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय जा रहे थे। इसको लेकर एक वीडियो भी साझा किया गया है। हालांकि, टीएमसी ने इन आरोपों को सुनियोजित नाटक बताया है।
अधिकारी कूचबिहार पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर भाजपा के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए उत्तर बंगाल जा रहे थे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिले में पार्टी विधायकों पर हाल में हुए हमलों के विरोध में कूचबिहार एसपी कार्यालय का घेराव करने की योजना बनाई थी। खगराबाड़ी इलाके के पास उन्हें नारेबाजी और काले झंडों का भी सामना करना पड़ा।
भाजपा नेताओं ने बताया कि दोपहर करीब 12:35 बजे खगराबाड़ी चौराहे पर तृणमूल कांग्रेस के झंडे और काले झंडे लिए भीड़ जमा हो गई, जब अधिकारी का काफिला वहाँ से गुजर रहा था। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से ‘‘भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों के उत्पीड़न’’ और ‘‘बंगाल में पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लागू करने के प्रयास’’ का विरोध करने के लिए 19 स्थानों पर एक साथ धरना प्रदर्शन किया। इनमें से अधिकतर स्थान उस मार्ग पर स्थित थे जहां से अधिकारी का काफिला गुजरने वाला था। अधिकारी को घोक्साडांगा क्षेत्र के पास ‘वापस जाओ’ और ‘चोर’ जैसे नारों का सामना करना पड़ा, और रास्ते में काले झंडे दिखाए गए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने आरोप लगाया कि हमले का नेतृत्व उत्तर बंगाल विकास विभाग के मंत्री उदयन गुहा ने किया था। प्रमाणिक ने दावा किया, ‘‘गुहा एक स्थानीय धार्मिक संस्थान में मौजूद थे और उन्होंने भीड़ को हमले को अंजाम देने का निर्देश दिया। यह हमारी जान लेने का प्रयास था।’’ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए और उनके वाहन पर जूते फेंके। उनके काफिले में शामिल एक कार, जिसमें एक पुलिस एस्कॉर्ट वाहन भी शामिल था, के शीशे टूट गए। इसके अतिरिक्त, मंगलवार को कोलकाता की एक अदालत ने अधिकारी को तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान देने से रोक दिया।