October 7, 2025

जदयू प्रवक्ता ने कहा मंत्री जी चुप्पी तोड़ें सफाई दें

पटना। बिहार की राजनीति में नया बवंडर खड़ा हो गया है। जन सुराज अभियान चला रहे चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (पीके) ने नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी पर 200 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाकर सियासी पारा चढ़ा दिया है।
पीके का आरोप – ठेकों और निर्माण में गड़बड़ी
पूर्णिया में अपनी सभा के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के नेता सत्ता में आने के बाद जनता के हित से ज्यादा ठेकों और कमीशन पर ध्यान देते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “अशोक चौधरी के विभाग में 200 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है। सरकारी योजनाओं का पैसा गरीबों तक नहीं पहुंच रहा, बल्कि भ्रष्टाचारियों की जेब में जा रहा है।”

जदयू प्रवक्ता का पलटवार – सफाई दें मंत्री जी
पीके के आरोप से जदयू खेमे में हलचल मच गई। पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “आरोप बेहद गंभीर हैं। अगर मंत्री जी निर्दोष हैं तो उन्हें चुप्पी साधने के बजाय खुलकर सामने आकर सफाई देनी चाहिए। जनता को जवाब मिलना चाहिए, वरना आरोप और गहरे होते जाएंगे।”

अशोक चौधरी की राजनीतिक पृष्ठभूमि

अशोक चौधरी बिहार के सीनियर नेताओं में गिने जाते हैं। वे पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। बाद में उन्होंने जदयू का दामन थामा और नीतीश कुमार के करीबी मंत्रियों में शामिल हो गए। इस समय वे भवन निर्माण मंत्री हैं।
उनकी छवि सधा हुआ और संगठन संभालने वाले नेता की रही है, लेकिन पीके के आरोपों के बाद उनकी साख पर सवाल खड़े हो गए हैं।

पीके और नीतीश-चौधरी खेमे की पुरानी तनातनी

प्रशांत किशोर 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की रणनीति बनाने के बाद चर्चा में आए थे। बाद में उन्हें जदयू में बड़ी जिम्मेदारी मिली, लेकिन नीतीश कुमार से मतभेद के चलते वे अलग हो गए।
तब से ही वे लगातार जदयू और उसके नेताओं पर हमलावर हैं। पहले उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को ‘थके हुए नेता’ कहा, अब सीधे अशोक चौधरी पर निशाना साधकर सियासी हलचल बढ़ा दी है।

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