October 7, 2025

कालाबाजारी पर रखी जा रही है कड़ी निगरानी, अब तक 981 विक्रेताओं पर की गई कार्रवाई

जयपुर/ 4 सितम्बर। मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय स्थित समिति कक्ष में राज्य स्तरीय फर्टिलाइज़र डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेटरी टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई।

मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने कहा कि रबी सीज़न उर्वरक-प्रधान होता है, इसलिए सभी फर्टिलाइज़र कंपनियां मांग और आपूर्ति का विशेष ध्यान रखें। इस वर्ष अप्रत्याशित वर्षा के कारण किसानों को अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कृषि आयुक्त को निर्देश दिए कि नियमित मॉनिटरिंग कर किसी भी समस्या का प्राथमिकता से तुरंत समाधान सुनिश्चित किया जाए।

पारदर्शी वितरण और कालाबाज़ारी पर सख्ती-

मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए विभागों के बीच समन्वय आवश्यक है। उन्होंने पुलिस विभाग को विशेष अभियान चलाकर कालाबाज़ारी रोकने, सहकारी समितियों से पारदर्शी वितरण व्यवस्था सुनिश्चित करने और उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए।

रेलवे रेक पॉइंट्स को मज़बूत करने के निर्देश-

उन्होंने रेलवे विभाग को निर्देश दिए कि मांग के समय दबाव कम करने के लिए जयपुर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं और दौसा रेक पॉइंट्स को विकसित कर नई सुविधाओं से मज़बूत किया जाए। वर्तमान में राज्य में 35 रेल रेक पॉइंट्स कार्यरत हैं, जिनमें से 15 पर नियमित, 12 पर मौसमी और 8 पर आकस्मिक आपूर्ति होती है।

कृषि आयुक्त की प्रस्तुति-
बैठक में कृषि एवं उद्यानिकी आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से उर्वरक संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य और जानकारी प्रस्तुत की। प्रस्तुति में बताया गया कि इस वर्ष अब तक राज्य की खरीफ सीज़न मांग में से यूरिया की आपूर्ति 98 प्रतिशत रही, वहीं डीएपी की उपलब्धता 88 प्रतिशत तक पहुँची। एनपीके और एमओपी की स्थिति अपेक्षाकृत कम रही। जिला-वार समीक्षा में अधिकांश जिलों में यूरिया और डीएपी की अधिकतम उपलब्धता दर्ज की गई।

कंपनीवार समीक्षा-

बैठक के दौरान कंपनीवार समीक्षा में पाया गया कि यूरिया की आपूर्ति में जीएसएफसी ने 224 प्रतिशत आपूर्ति कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, आईपीएल ने 153 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया, जबकि आरसीएफ की आपूर्ति सबसे कम (लगभग 69 प्रतिशत) रही। डीएपी के मोर्चे पर कोरोमंडल ने लक्ष्य से अधिक आपूर्ति दर्ज की। साथ ही किसानों ने डीएपी पर निर्भरता कम करते हुए वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग बढ़ाया, जिसमें एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) का उपयोग 28 प्रतिशत और एनपीके का 83 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया।

विभागीय प्रयास और कार्रवाई-

बैठक में विभागीय प्रयासों की जानकारी दी गई। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित कर आपूर्ति की निगरानी की जा रही है और सभी दुकानों पर स्टॉक व मूल्य सूची प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है।
नियम उल्लंघन पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। अब तक अधिक विक्रय करने वाले 981 खुदरा उर्वरक विक्रेताओं पर कार्यवाही की गई है।

बैठक में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (कानून एवं व्यवस्था), सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां सहित विभिन्न विभाग- कृषि, सहकारिता, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति , रेलवे तथा उर्वरक कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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