October 7, 2025

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच मतभेद के सवाल पर सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि कोई मतभेद नहीं है। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोहन भागवत ने कहा कि मतभेद के कोई मुद्दे नहीं होते। मतभेद के विचार कुछ हो सकते हैं, लेकिन मनभेद बिल्कुल नहीं है और एक दूसरे पर विश्वास है, जो प्रयत्न कर रहे हैं, अच्छे से कर रहे हैं, क्षमता अपनी अपनी है, अलग अलग चलगे तो भी सबको एक जगह ही जाना है।

उन्होंने कहा कि संघ किसी भी मुद्दे पर सलाह दे सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय भाजपा ही लेगी। उन्होंने यह भी कहा कि संघ का केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के साथ अच्छा समन्वय है।

सबकुछ संघ नहीं तय करता-RSS प्रमुख

बीजेपी अध्यक्ष चुने जाने को लेकर मोहन भागवत ने कहा कि इस सवाल पर कि सब कुछ संघ तय करता है, यह पूर्णतः गलत बात है। मतभेद हो सकते हैं, मनभेद नहीं हो सकता है। सब कुछ संघ तय करता है, यह बिल्कुल गलत बात है, यह नहीं हो सकता है। मैं शाखा चलाता हूं तो मैं इसका एक्सपर्ट हूं। लेकिन जो राज्य चला रहे हैं वो उस फील्ड में एक्सपर्ट हैं। इसलिए हम तय नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ सलाह दे सकते हैं। अगर हम तय करते तो इतना समय लगता क्या?

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारा हर सरकार के साथ अच्छा समन्वय है। राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों, दोनों के साथ हमारा अच्छा समन्वय है। लेकिन कुछ व्यवस्थाएँ ऐसी भी हैं जिनमें कुछ आंतरिक विरोधाभास हैं।

मोहन भागवत ने कहा कि सामान्य तौर पर व्यवस्था वही है जिसका आविष्कार अंग्रेजों ने किया था ताकि वे शासन कर सकें। इसलिए, हमें कुछ नवाचार करने होंगे। फिर, हम चाहते हैं कि कुछ हो। भले ही कुर्सी पर बैठा व्यक्ति हमारे लिए पूरी तरह से तैयार हो, उसे यह करना ही होगा और वह जानता है कि इसमें क्या बाधाएँ हैं। वह ऐसा कर भी सकता है और नहीं भी। हमें उसे वह स्वतंत्रता देनी होगी। इसमें कहीं कोई झगड़ा नहीं है।

आरएसएस और भाजपा के बीच मतभेद पर सफाई देते हुए भागवत ने कहा कि इन सब बातों से ऐसा लगता है कि झगड़ा है, लेकिन संघर्ष हो सकता है, लेकिन कोई झगड़ा नहीं है, क्योंकि लक्ष्य एक ही है, जो हमारे देश की भलाई है।

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