
नई दिल्ली,नेशनल डेस्क। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को बताया कि अब से सदन में संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लेखित सभी में कार्यवाही का अनुवाद होगा।
लोकसभा की बैठक शुरू होते ही अध्यक्ष बिरला ने कहा कि मुझे सदन को यह सूचित करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि हम सदन में संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लेखित सभी भाषाओं में अनुवाद की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।
अब तक थी 18 भाषाओं में अनुवाद की सुविधा
उन्होंने बताया कि अभी तक सदन की कार्यवाही का अनुवाद हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त 18 भाषाओं अर्थात असमिया, बांग्ला, बोडो, डोगरी, गुजराती, कन्नड, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू में किया जा रहा था।
बिरला ने बताया कि अब इसमें कश्मीरी , कोंकणी और संथाली भाषाओं को भी शामिल किए जाने से हम संविधान में उल्लेखित सभी भाषाओं में अनुवाद की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।
दुनिया में सिर्फ भारत की संसद है
उन्होंने इस दौरान बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर के मुद्दे पर शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से कार्यवाही चलने देने का आग्रह करते हुए कहा कि दुनिया में सिर्फ भारत की संसद है, जिसमें एक समय में 22 भाषाओं में अनुवाद की सुविधा उपलब्ध है और कहीं ऐसा नहीं है। हमें देश के लोकतंत्र और संविधान पर गर्व करना चाहिए। इसलिए मेरा आपसे अनुरोध है कि सदन चलाने में सहयोग करें। दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र हमारा है। मुझे आशा है कि आप सदन चलाने में सहयोग करेंगे।